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कविता

तटस्थ के प्रति

गोरख पांडेय


चैन की बाँसुरी बजाइए आप
शहर जलता है और गाइए आप
हैं तटस्थ या कि आप नीरो हैं
असली सूरत जरा दिखाइए आप

 


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हिंदी समय में गोरख पांडेय की रचनाएँ